इज़हार – ए – मोहब्बत
जो दिल में है वो दिल में ही रह जाएगा
जो ख्वाबों में है ख्वाबों में ही रह जाएगा
अब इज़हार-ए-मोहब्बत जल्दी कर मेरे भाई, वरना
जो तू कहना चाहता है कोई और कह जाएगा ।।
आज चुप रह गया तो कल कुछ ना कह पाएगा
उम्रभर उसकी याद में सिर्फ दुखभरे गीत गुनगुनाएगा
उसे याद करेगा हर पल, फिर भी कुछ ना कह पाएगा
याद फिर करके मेरी बातों को सिर्फ पछताएगा ।।
सोचता है क्या, दिल में है जो वो बात कर
कब तक जागता रहेगा इस तरह रात भर
अब यूं ही और वक्त मत बर्बाद कर
और जाकर अपने प्यार का इजहार कर ।।
उससे बात करके ही तुझे अब सुकून मिलेगा
वरना ये तेरा नाज़ुक दिल हमेशा यूं ही जलेगा
तेरा प्यार कब तक ऐसे दिल ही दिल में ही पलेगा
इस दिल की खातिर अब तुम्हें कुछ करना ही पड़ेगा ।।
जो कह दे तो उसे भी दिल की बात पता चलेगी
तभी तो उसके दिल में भी प्यार की चिंगारी जलेगी
भले ही वो कुछ ना कहे तुमसे अभी
लेकिन धीरे धीरे उसके दिल में भी मोहब्बत जगेगी
और तभी तेरी मोहब्बत भी परवान चढ़ेगी ।।