इक अल्फाज
झिझक दोनो तरफ
कुछ इतनी ज्यादा थी
उम्र का हर इक दौर
तन्हा गुजर गया ।
न वो आंखों से दूर थे
न वो दिल से
इक अल्फाज न जाने
कहां खो गया ।
बरसों बाद हिसाब लगाया
तो पता चला
कितने अनमोल पलों का
जखीरा बिखर गया ।
अरसे से छुपा दिल का राज
जब उनकी जुबान पे आया
तो दिलो जान का सारा
कुबेर लुट गया ।।
राज विग 06.09.2019