Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Dec 2017 · 2 min read

इंसान या शैतान

आज का इंसान तो बस, मूरत है शेतान की…

दया धर्म अब बचा नही है, पापी हर इंसान है..
खून चूसते धोखा देते, बने हुए हैवान है..
भुखा बच्चा उस गरीब का, भूख से मर जाता है..
और अमीरो का कुत्ता बंगलो मे बिस्किट खाता है..

कोई किसी के काम न आता बाते करते एहसान की..
आज का इंसान तो बस मूरत है शैतान की…..

सेवा को व्यापार बनाया, नेताओ ने देश को खाया..
काम की बाते छोड़ छाड़कर, जात धर्म का मुद्दा आया..
वोट बैंक ओर धन की खातिर, ईमान की ही बोली लगाते..
मजबूरो का शोषण करते, बेईमानी करते जाते..

झूट बोलते ओर झूठी कसमे खाते भगवान की…
आज का इंसान तो बस….

खून से सींचकर वृक्ष बनाया,वो छाया नही देते है..
माँ बाबा अब बोझ हुए है, उनको ही दुख देते है..
न अब नारी सीता जैसी, न हर इंसान राम है..
एक दूजे को धोखा देते, विश्वाश का न अब नाम है..

रिश्ते नाते हुए मतलबी चिंता बस खुद के प्राण की…..
आज का इंसान तो बस…….

दिल से सच्चे संतो को ही, दिल से नमन मे करता हु..
सत्य की राह बताने वालो को मे वंदन करता हु..
पर कुछ पाखंडी बाबा भी अब, धर्म के ठेकेदार बने.
कर्म गलत करते रहते है, नाम प्रभु का लेते लेते.

मन मे पाप भरा रहता है बाते करते है ज्ञान की……
आज का इंसान तो बस………

है कुछ लोग अभी सच्चे, जिनके मन मे भलाई है.
वो भी अंश प्रभु का ही है, जिनके दिल मे बुराई है.
उनको भी सद्बुध्दी देना जिनकी बुरी है भावना.
विश्व का कल्याण हो प्रभु, है “सुशील” की कामना..

परोपकार करवाते रहना रक्षा करना ईमान की….
आज का इंसान तो बस मूरत है शैतान की…..

— डॉ संदीप विश्वकर्मा
आरोग्य होम्यो. चिकित्सा केन्द्र,
ब्यावरा ( राजगड़ ) म.प्र.

Language: Hindi
907 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

अनमोल दोस्ती
अनमोल दोस्ती
Er.Navaneet R Shandily
सुना हूं किसी के दबाव ने तेरे स्वभाव को बदल दिया
सुना हूं किसी के दबाव ने तेरे स्वभाव को बदल दिया
Keshav kishor Kumar
तेरी आंखों में है जादू , तेरी बातों में इक नशा है।
तेरी आंखों में है जादू , तेरी बातों में इक नशा है।
B S MAURYA
पिता:(प्रदीप छंद)
पिता:(प्रदीप छंद)
Ashok Sharma
दान योग्य सुपात्र और कुपात्र
दान योग्य सुपात्र और कुपात्र
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
रेडियो की यादें
रेडियो की यादें
Sudhir srivastava
मित्र
मित्र
Rambali Mishra
बेसहारा दिल
बेसहारा दिल
Dr. Rajeev Jain
सर्द आसमां में दिखती हैं, अधूरे चाँद की अंगड़ाईयाँ
सर्द आसमां में दिखती हैं, अधूरे चाँद की अंगड़ाईयाँ
Manisha Manjari
पिता
पिता
Mamta Rani
2471पूर्णिका
2471पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
Maybe this is me right now
Maybe this is me right now
Chaahat
बचपन की बारिश
बचपन की बारिश
Dr MusafiR BaithA
" महत्वाकांक्षा "
Dr. Kishan tandon kranti
वो हमको देखकर मुस्कुराने लगे,
वो हमको देखकर मुस्कुराने लगे,
Jyoti Roshni
सरस्वती माँ ज्ञान का, सबको देना दान ।
सरस्वती माँ ज्ञान का, सबको देना दान ।
जगदीश शर्मा सहज
मैं अक्सर शायरी लिखता हूँ
मैं अक्सर शायरी लिखता हूँ
शिव प्रताप लोधी
नहीं चाहता मैं किसी को साथी अपना बनाना
नहीं चाहता मैं किसी को साथी अपना बनाना
gurudeenverma198
🙅पक्की गारंटी🙅
🙅पक्की गारंटी🙅
*प्रणय*
भरत मिलाप
भरत मिलाप
अटल मुरादाबादी(ओज व व्यंग्य )
बेटियाँ पर कविता
बेटियाँ पर कविता
Swara Kumari arya
इस क़दर उलझे हुए हैं अपनी नई ज़िंदगी से,
इस क़दर उलझे हुए हैं अपनी नई ज़िंदगी से,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
लड़की का घर
लड़की का घर
पूर्वार्थ
प्रतिस्पर्धाओं के इस युग में सुकून !!
प्रतिस्पर्धाओं के इस युग में सुकून !!
Rachana
1
1
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
दिनकर/सूर्य
दिनकर/सूर्य
Vedha Singh
हमसफ़र नहीं क़यामत के सिवा
हमसफ़र नहीं क़यामत के सिवा
Shreedhar
जिन्दगी से शिकायत न रही
जिन्दगी से शिकायत न रही
Anamika Singh
अजनबी बॉस ।
अजनबी बॉस ।
सोबन सिंह रावत
चलते रहना ही जीवन है।
चलते रहना ही जीवन है।
संजय कुमार संजू
Loading...