इंसान बनो
एक शहर को बसाने में युग लग जाते है ,
और मिटाने में एक पल भी नहीं लगता ।
उजड़ी जिंदगियां भी बा मुश्किल संभलती है,
घाव तो फिर भी मन में कहीं है रह जाता ।
मत बनाओ इस धरती को जिंदा कब्रिस्तान ,
तुम्हारे गुरूर से यह गुलशन तबाह हुआ जाता।
खुद भी जिओ और औरों को भी जीने दो ,
यही इंसान का सबसे अहम फर्ज है कहलाता ।
तुम अगर इंसान हो तो यह साबित तो करो ,
शैतानों जैसे काम करने वाला इंसान तो नहीं होता।