Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Feb 2021 · 1 min read

*”इंसान जाग उठा”*

“इंसान जाग उठा”
जीवन के कर्त्तव्य पथ निर्माण कार्य में ,
उन्नति प्रगतिशील विकास की ओर अग्रसर चलता।
प्रारब्ध कर्म बंधनो में बंधकर आगे ही बढ़ते जाता।
इंसान जाग उठा…! ! !
आधुनिकता की भागमभाग दौड़ में,
अपने हक अधिकारों के लिए संघर्षो से जूझता रहता।
इंसान जाग उठा…..! ! !
नियम कानून अर्थ व्यवस्थाओं के बीच में ,
नई पीढ़ियों के साथ कदमताल मिलाकर चलता।
अतीत भूली बिसरी यादों को भुलाकर ,
नये वर्तमान परिस्थितियों में ढलते ही जाता।
इंसान जाग उठा
कोरोना काल में संघर्षो से जूझता रहा ,
सीमित दायरों में कठिन परिश्रम करते हुए दायित्व निभाता।
जीवन की नादानी लापरवाही को सावधानियां बरत सम्हालता।
इंसान जाग उठा
अपने परायों का भेदभाव मिटाकर ,
एकतत्व साक्षी भाव समदृष्टि अपनाता।
विपरीत परिस्थितियों के प्रभावों में खड़े होकर,
हिम्मत साहस जुटा नव इतिहास का निर्माण कराता।
इंसान जाग उठा
तमस अंधियार मिटा उजियाले की ओर ,
देश की उन्नति प्रगतिशील सम्मान की खातिर आगे ही बढ़ते जाता।
इंसान जाग उठा
कर्म क्षेत्र में उतरते हुए कर्म करते हुए अपना भाग्य बनाता।
जीवन में जो कुछ कार्य करते हुए, मंजिल तय कर जाता।
साधना शक्ति तपस्या करने से जीवन सफल बनाता।
इंसान जाग उठा
शशिकला व्यास ✍️

Language: Hindi
4 Likes · 5 Comments · 509 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
2538.पूर्णिका
2538.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
दोहा त्रयी. . . . शीत
दोहा त्रयी. . . . शीत
sushil sarna
ତାଙ୍କଠାରୁ ଅଧିକ
ତାଙ୍କଠାରୁ ଅଧିକ
Otteri Selvakumar
इंसान को इतना पाखंड भी नहीं करना चाहिए कि आने वाली पीढ़ी उसे
इंसान को इतना पाखंड भी नहीं करना चाहिए कि आने वाली पीढ़ी उसे
Jogendar singh
किताबों से ज्ञान मिलता है
किताबों से ज्ञान मिलता है
Bhupendra Rawat
करुंगा अब मैं वही, मुझको पसंद जो होगा
करुंगा अब मैं वही, मुझको पसंद जो होगा
gurudeenverma198
क्यों गुजरते हुए लम्हों को यूं रोका करें हम,
क्यों गुजरते हुए लम्हों को यूं रोका करें हम,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
प्यार करें भी तो किससे, हर जज़्बात में खलइश है।
प्यार करें भी तो किससे, हर जज़्बात में खलइश है।
manjula chauhan
"लोगों की सोच"
Yogendra Chaturwedi
**माटी जन्मभूमि की**
**माटी जन्मभूमि की**
लक्ष्मण 'बिजनौरी'
सन् २०२३ में,जो घटनाएं पहली बार हुईं
सन् २०२३ में,जो घटनाएं पहली बार हुईं
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
*अज्ञानी की कलम*
*अज्ञानी की कलम*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी
टूटकर, बिखर कर फ़िर सवरना...
टूटकर, बिखर कर फ़िर सवरना...
Jyoti Khari
"विश्वास"
Dr. Kishan tandon kranti
दुआ नहीं होना
दुआ नहीं होना
Dr fauzia Naseem shad
हवेली का दर्द
हवेली का दर्द
Atul "Krishn"
बेटियाँ
बेटियाँ
विजय कुमार अग्रवाल
सब कुछ दुनिया का दुनिया में,     जाना सबको छोड़।
सब कुछ दुनिया का दुनिया में, जाना सबको छोड़।
डॉ.सीमा अग्रवाल
बस तुम्हें मैं यें बताना चाहता हूं .....
बस तुम्हें मैं यें बताना चाहता हूं .....
Keshav kishor Kumar
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
प्यार के पंछी
प्यार के पंछी
Neeraj Agarwal
*चुनावी कुंडलिया*
*चुनावी कुंडलिया*
Ravi Prakash
समय को समय देकर तो देखो, एक दिन सवालों के जवाब ये लाएगा,
समय को समय देकर तो देखो, एक दिन सवालों के जवाब ये लाएगा,
Manisha Manjari
*राष्ट्रभाषा हिंदी और देशज शब्द*
*राष्ट्रभाषा हिंदी और देशज शब्द*
Subhash Singhai
#लघुकविता
#लघुकविता
*प्रणय प्रभात*
औरतें नदी की तरह होतीं हैं। दो किनारों के बीच बहतीं हुईं। कि
औरतें नदी की तरह होतीं हैं। दो किनारों के बीच बहतीं हुईं। कि
पूर्वार्थ
*बेवफ़ा से इश्क़*
*बेवफ़ा से इश्क़*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
(2) ऐ ह्रदय ! तू गगन बन जा !
(2) ऐ ह्रदय ! तू गगन बन जा !
Kishore Nigam
"कुछ खास हुआ"
Lohit Tamta
इश्क की गलियों में
इश्क की गलियों में
Dr. Man Mohan Krishna
Loading...