Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Jun 2019 · 2 min read

#*#*इंसानियत *#*#

* ॐ नमो भगवते वासुदेवाय *
***” इंसानियत “***
तेजी रफ्तार से एक व्यक्ति बाईक में चले जा रहा था गाड़ी चलाते समय हेंडिल में एक पालीथीन बैग टांगा हुआ था वो रास्ते में कहीं पर गिर गया था यह नजारा सड़क के किनारे रहने वाले सुरेंद्र एवं उसकी पत्नी सुमन ने देखा परन्तु ये समझ नही आया कि उस पालीथीन बैग में ना जाने क्या होगा ..? ? वे दोनों अपनी दुकान पर व्यस्त हो गए थे कुछ देर बाद एक बालक वही से गुजरा और वह पड़ा हुआ पालीथीन उठाकर अपने घर ले गया ये सभी नजारा देख कर भी नजर अंदाज कर दिया
पुनः कुछ देर बाद बाईक वाला व्यक्ति उसी जगह पर कुछ ढूढ़ने लगा मानो कुछ खो गया हो आसपास मौजूद सभी लोगों से पूछ रहा था यहाँ कोई पॉलीथिन गिरी मिली क्या ….? ? ?
सुरेंद्र व उसकी पत्नी ने कहा – हा पड़ी थी लेकिन उसमें क्या कुछ जरूरी सामान था उस व्यक्ति ने बताया … हा उसमें जमीन के कागजात है पिताजी के ईलाज के लिए पैसों के इतंजाम करने के लिए कुछ जमीन गिरवी रख 40 हजार रुपये लेकर जा रहा था उस पॉलीथिन में वही रखा था।
सुरेंद्र ने बताया कि अभी कुछ देर पहले एक बालक वह पॉलीथिन बैग लेकर गया है और सामने साईकिल की दुकान जो दिख रही है वहां वह लड़का रहता है इशारा करते हुए बता दिया था वह व्यक्ति उस बालक के घर गया तो वह घर पर नही मिला लेकिन पिताजी से पूछने पर बतलाया गया कि कुछ पॉलीथिन बैग लेकर आया है और उसे पलंग के नीचे छुपा दिया है पता नही क्या है कुछ देर बाद वह लड़का घर आया पहले तो वो मना करने लगा मुझे वो रास्ते पर पड़ा मिला है तो अब वो मेरा है लेकिन सुरेंद्र व घर वालों ने समझाया उस व्यक्ति ने भी कहा – ठीक है तुम्हें मिला है तो रख लो लेकिन मेरे जमीन के कागजात तो दे दो बड़ी मिन्नतें करने के बाद वो बैग देने को राजी हुआ उस व्यक्ति ने अपनी पूरी कहानी बतलाई थी ।
जाते समय उस व्यक्ति ने सुरेंद्र व उनकी पत्नी का तहेदिल से धन्यवाद देते हुए कुछ पैसे ख़ुशी से देने लगा और कहने लगा – आज आपके बदौलत मेरे जमीन के कागज व पैसे मिल गए वरना अभी मुझे बहुत ही परेशानियों का सामना करना पड़ता आपके कारण मुझे मेरा बैग वापस मिल गया है।
सुरेंद्र व उनकी पत्नी ने कहा – इन पैसों की आपको जरूरत है आपका खोया हुआ सामान वापस मिल गया इसमें हमको ज्यादा ख़ुशी हो रही है एक इंसानियत के नाते यह हमारा फर्ज है और भलाई करना ,ईमानदारी से कार्य करना यही ईश्वर की इबादत है ….
इससे बढ़कर ख़ुशी मायने रखती है अब अपना बैग सुरक्षित ले जाईये और पिताजी का ईलाज करवाइये ….! ! !
***राधैय राधैय जय श्री कृष्णा ***
#* शशिकला व्यास #*
$* भोपाल मध्यप्रदेश

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 545 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
तुम मेरा साथ दो
तुम मेरा साथ दो
Surya Barman
मां गंगा ऐसा वर दे
मां गंगा ऐसा वर दे
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
बाँकी अछि हमर दूधक कर्ज / मातृभाषा दिवश पर हमर एक गाेट कविता
बाँकी अछि हमर दूधक कर्ज / मातृभाषा दिवश पर हमर एक गाेट कविता
Binit Thakur (विनीत ठाकुर)
मेरी लाज है तेरे हाथ
मेरी लाज है तेरे हाथ
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
स्वर्ग से सुंदर मेरा भारत
स्वर्ग से सुंदर मेरा भारत
Mukesh Kumar Sonkar
*छोटी होती अक्ल है, मोटी भैंस अपार * *(कुंडलिया)*
*छोटी होती अक्ल है, मोटी भैंस अपार * *(कुंडलिया)*
Ravi Prakash
अंत में पैसा केवल
अंत में पैसा केवल
Aarti sirsat
तू तो सब समझता है ऐ मेरे मौला
तू तो सब समझता है ऐ मेरे मौला
SHAMA PARVEEN
What consumes your mind controls your life
What consumes your mind controls your life
पूर्वार्थ
गमों की चादर ओढ़ कर सो रहे थे तन्हां
गमों की चादर ओढ़ कर सो रहे थे तन्हां
Kumar lalit
पिता की याद।
पिता की याद।
Kuldeep mishra (KD)
"बेरंग शाम का नया सपना" (A New Dream on a Colorless Evening)
Sidhartha Mishra
सीरिया रानी
सीरिया रानी
Dr. Mulla Adam Ali
बगुले तटिनी तीर से,
बगुले तटिनी तीर से,
sushil sarna
मर्यादा और राम
मर्यादा और राम
Dr Parveen Thakur
पितृ स्तुति
पितृ स्तुति
दुष्यन्त 'बाबा'
कड़वा सच
कड़वा सच
Sanjeev Kumar mishra
पुलिस की ट्रेनिंग
पुलिस की ट्रेनिंग
Dr. Pradeep Kumar Sharma
चवपैया छंद , 30 मात्रा (मापनी मुक्त मात्रिक )
चवपैया छंद , 30 मात्रा (मापनी मुक्त मात्रिक )
Subhash Singhai
1-कैसे विष मज़हब का फैला, मानवता का ह्रास हुआ
1-कैसे विष मज़हब का फैला, मानवता का ह्रास हुआ
Ajay Kumar Vimal
सदा दूर रहो गम की परछाइयों से,
सदा दूर रहो गम की परछाइयों से,
Ranjeet kumar patre
उलझ नहीं पाते
उलझ नहीं पाते
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
तुम जो कहते हो प्यार लिखूं मैं,
तुम जो कहते हो प्यार लिखूं मैं,
Manoj Mahato
हरा न पाये दौड़कर,
हरा न पाये दौड़कर,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
इस दुनिया की सारी चीज भौतिक जीवन में केवल रुपए से जुड़ी ( कन
इस दुनिया की सारी चीज भौतिक जीवन में केवल रुपए से जुड़ी ( कन
Rj Anand Prajapati
हिन्दू जागरण गीत
हिन्दू जागरण गीत
मनोज कर्ण
"राखी"
Dr. Kishan tandon kranti
लाल रंग मेरे खून का,तेरे वंश में बहता है
लाल रंग मेरे खून का,तेरे वंश में बहता है
Pramila sultan
वक्त  क्या  बिगड़ा तो लोग बुराई में जा लगे।
वक्त क्या बिगड़ा तो लोग बुराई में जा लगे।
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
... बीते लम्हे
... बीते लम्हे
Naushaba Suriya
Loading...