इंतहा इंतजार की
** इंतहा इंतजार की **
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इंतहा हुई इंतजार की,
सूरत नहीं दिखी यार की।
कोई जीते कोई भी हारे,
बाजी लगी है प्यार की।
हुआ है ये हाल ए बेहाल,
पुछिए खबर बीमार की।
सुनार के चाहे हो सौ वार,
काफी एक ही लुहार की।
रूठे को हैं बीता जमाना,
उम्मीद तो है मनुहार की।
मनसीरत तारीकियां बढ़ी,
रोशनी चाहूं दिलदार की।
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)