इंतजार
मुझे सुंदर सलोनी मूरत का क्यो इंतजार है
अब मिलने का सनम से दिल बेकरार है
तेरी याद क्यो सताये क्या ये ही प्यार है
मुझे सुंदर सलोनी मूरत का क्यो इंतजार है
मुझे जुल्फ उन घटाओ मे सोना जो यार है
दिल बार बार तड़पे क्या ये ही प्यार है
नयनो से दिल मे वसने का मुझे इंतजार है
मुझे सुंदर सलोनी मूरत का क्यो इंतजार है
दिलदार से मिलने को दिल बेकरार है
मुझे सुंदर सलोनी मूरत का क्यो इंतजार है
✍”कृष्णकांत गुर्जर”