Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Jul 2021 · 1 min read

इंतजार में

भस्म का श्रृंगार, भांग का प्याला
और भी बहुत कुछ है इंतजार में
भूत पिशाच चांडाल भी कितना रो रहे है
भूतेश्वर के इंतजार में
अब देर न करो सावन हाथ जोड़े खड़ा है
कितनी हिलोरें अभी बैठी है उसके मन मे

Language: Hindi
1 Like · 235 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
हम गांव वाले है जनाब...
हम गांव वाले है जनाब...
AMRESH KUMAR VERMA
महीना ख़त्म यानी अब मुझे तनख़्वाह मिलनी है
महीना ख़त्म यानी अब मुझे तनख़्वाह मिलनी है
Johnny Ahmed 'क़ैस'
2982.*पूर्णिका*
2982.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
गाँव की प्यारी यादों को दिल में सजाया करो,
गाँव की प्यारी यादों को दिल में सजाया करो,
Ranjeet kumar patre
वो आया इस तरह से मेरे हिज़ार में।
वो आया इस तरह से मेरे हिज़ार में।
Phool gufran
New light emerges from the depths of experiences, - Desert Fellow Rakesh Yadav
New light emerges from the depths of experiences, - Desert Fellow Rakesh Yadav
Desert fellow Rakesh
स्नेह - प्यार की होली
स्नेह - प्यार की होली
Raju Gajbhiye
विश्व हिन्दी दिवस पर कुछ दोहे :.....
विश्व हिन्दी दिवस पर कुछ दोहे :.....
sushil sarna
छत्तीसगढ़ी हाइकु
छत्तीसगढ़ी हाइकु
Dr. Pradeep Kumar Sharma
सरकारी
सरकारी
Lalit Singh thakur
जो रिश्ते दिल में पला करते हैं
जो रिश्ते दिल में पला करते हैं
शेखर सिंह
शहीदे आजम भगत सिंह की जीवन यात्रा
शहीदे आजम भगत सिंह की जीवन यात्रा
Ravi Yadav
पहचान धूर्त की
पहचान धूर्त की
विक्रम कुमार
*घूॅंघट सिर से कब हटा, रहती इसकी ओट (कुंडलिया)*
*घूॅंघट सिर से कब हटा, रहती इसकी ओट (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
आया खूब निखार
आया खूब निखार
surenderpal vaidya
रमेशराज के 2 मुक्तक
रमेशराज के 2 मुक्तक
कवि रमेशराज
है जिसका रहमो करम और प्यार है मुझ पर।
है जिसका रहमो करम और प्यार है मुझ पर।
सत्य कुमार प्रेमी
19-कुछ भूली बिसरी यादों की
19-कुछ भूली बिसरी यादों की
Ajay Kumar Vimal
कभी न खत्म होने वाला यह समय
कभी न खत्म होने वाला यह समय
प्रेमदास वसु सुरेखा
चेहरा
चेहरा
नन्दलाल सुथार "राही"
ग़ज़ल - फितरतों का ढेर
ग़ज़ल - फितरतों का ढेर
रोहताश वर्मा 'मुसाफिर'
जब मैं मर जाऊं तो कफ़न के जगह किताबों में लपेट देना
जब मैं मर जाऊं तो कफ़न के जगह किताबों में लपेट देना
Keshav kishor Kumar
"अगर"
Dr. Kishan tandon kranti
बूँद बूँद याद
बूँद बूँद याद
Atul "Krishn"
रात क्या है?
रात क्या है?
Astuti Kumari
Thought
Thought
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
बंद करो अब दिवसीय काम।
बंद करो अब दिवसीय काम।
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
दो पल का मेला
दो पल का मेला
Harminder Kaur
■ #NETA को नहीं तो #NOTA को सही। अपना #VOTE ज़रूर दें।।
■ #NETA को नहीं तो #NOTA को सही। अपना #VOTE ज़रूर दें।।
*Author प्रणय प्रभात*
दुविधा
दुविधा
Shyam Sundar Subramanian
Loading...