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21 Sep 2019 · 1 min read

इंच इंच बढ़ता हुआ समंदर कौन देख रहा है

सब सुकून का मंजर देख रहे हैं खंजर कौन देख रहा है
सब मुतमईन है बहती हुई हवाएं देखकर रेत में उठा हुआ बवंडर कौन देख रहा है

धूप का करिश्मा देखो के बरफ के पहाड़ जलाए जा रही है
सब सूखती हुई दरिया देख रहे हैं इंच इंच बढ़ता हुआ समंदर कौन देख रहा है

पहले हाथ काटेंगे फिर पांव काटेंगे फिर तब कहीं जाकर दुनिया अपाहिज होगी
अभी तो वो लोग जंगल देख रहे हैं ये रेगिस्तान बंजर कौन देख रहा है

लिपि पोती हुई डेहरी देखकर लोग खातूनो की खुशहाली का अंदाजा लगा लेते हैं
तन्हा हर कोई घर देखता है घर के अंदर कौन देख रहा है

1 Like · 321 Views
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