Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Dec 2018 · 2 min read

इंकलाब जिंदाबाद ! जिंदाबाद इंकलाब !!

क्षण-क्षण, क़दम-क़दम

बुनते रचते साजिशों का जाल

घिरे हैं ईमानदार सवाल से, और बेईमान को जवाब भी चाहिए

जवाब-दर-सवाल है के इन्क़लाब चाहिए

इन्क़लाब ज़िन्दाबाद,

ज़िन्दाबाद इन्क़लाब

जहाँ ईमानदार के ख़िलाफ़ साज़िशें हो शान से

जहाँ बेईमान भ्रष्ट शोर मचाये जोर से

जहाँ पे लब्ज़े-ईमान एक ख़ौफ़नाक राज़ हो

जहाँ दूध का रखवाला बिलार हो

जहाँ भय और डर का बना माहौल हो

वहाँ न चुप रहेंगे हम भी

कहेंगे हाँ कहेंगे हम भी

सवाल पूछने वाले तुम भी जवाब दो

जवाब-दर-सवाल है के इन्क़लाब चाहिए

इन्क़लाब ज़िन्दाबाद,

इन्क़लाब इन्क़लाब

जिनको सहेजना था सम्हालना था सम्मान

वही रचे नित नए षड्यंत्र रच, इज्जत का तार-तार करे

खुद लुटेरा दूसरे से मांग रहा हिसाब

जब तुमसे मांगे जाएंगे हिसाब, उतरेगा तेरा नकाब

जो इनका भेद खोल दे

हर एक बात बोल दे

हमारे हाथ में वही खुली क़िताब चाहिए

घिरे हैं ईमान वाले सवाल से अब बेईमानो से जवाब चाहिए

जवाब-दर-सवाल है के इन्क़लाब चाहिए

इन्क़लाब ज़िन्दाबाद,

ज़िन्दाबाद इन्क़लाब

जिन्होंने किये कारनामे वही दिख रहे मचाते शोर

लोकतंत्र के नाम पर उड़ाते लोकतंत्र का माखौल

द्वेष जलन से जलाने निकले दुसरो के घरौंदे

खुद ही हाथ जला बैठे

स्याह चरित्र और ज़िन्दगी है जिसके

सूर्य की रोशनी पर व्यंग्य कसे

उनके आसमान को सुर्ख़ आफ़ताब चाहिए

घिरे हैं ईमानदार सवाल से, अब बेईमानो से जवाब चाहिए

जवाब-दर-सवाल है के इन्क़लाब चाहिए

इन्क़लाब ज़िन्दाबाद,

ज़िन्दाबाद इन्क़लाब

तसल्लियों के इतने रचें चाल के बाद अपने हाल पर

निगाह डाल सोच और सोचकर सवाल कर

किधर गए वो तेरे सम्मान, षडयंत्रो के ख़्वाब क्या हुए

तुझे था जिनका बर्बादी का, इंतजार क्या वो खत्म हुये

तू खुद के झूठे अहम पर

ना और ऐतबार कर

के तुझको साँस-साँस का सही हिसाब चाहिए

घिरे हैं ईमान वाले सवाल से, और बेईमानो को जवाब चाहिए

क्षण क्षण क़दम-क़दम बस एक फ़िक्र दम-ब-दम

जवाब-दर-सवाल है के इन्क़लाब चाहिए

इन्क़लाब ज़िन्दाबाद,

ज़िन्दाबाद इन्क़लाब

Language: Hindi
2 Likes · 1228 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
जो गर्मी शीत वर्षा में भी सातों दिन कमाता था।
जो गर्मी शीत वर्षा में भी सातों दिन कमाता था।
सत्य कुमार प्रेमी
शराफ़त के दायरों की
शराफ़त के दायरों की
Dr fauzia Naseem shad
दुआ कबूल नहीं हुई है दर बदलते हुए
दुआ कबूल नहीं हुई है दर बदलते हुए
कवि दीपक बवेजा
সিগারেট নেশা ছিল না
সিগারেট নেশা ছিল না
Sakhawat Jisan
प्रेम एक सहज भाव है जो हर मनुष्य में कम या अधिक मात्रा में स
प्रेम एक सहज भाव है जो हर मनुष्य में कम या अधिक मात्रा में स
Dr MusafiR BaithA
खोटे सिक्कों के जोर से
खोटे सिक्कों के जोर से
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
सीखा दे ना सबक ऐ जिंदगी अब तो, लोग हमको सिर्फ मतलब के लिए या
सीखा दे ना सबक ऐ जिंदगी अब तो, लोग हमको सिर्फ मतलब के लिए या
Rekha khichi
मीठा खाय जग मुआ,
मीठा खाय जग मुआ,
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
चंचल मन
चंचल मन
Dinesh Kumar Gangwar
तुम देखो या ना देखो, तराजू उसका हर लेन देन पर उठता है ।
तुम देखो या ना देखो, तराजू उसका हर लेन देन पर उठता है ।
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
धूमिल होती पत्रकारिता
धूमिल होती पत्रकारिता
अरशद रसूल बदायूंनी
लोगों के साथ सामंजस्य स्थापित करना भी एक विशेष कला है,जो आपक
लोगों के साथ सामंजस्य स्थापित करना भी एक विशेष कला है,जो आपक
Paras Nath Jha
सौ बरस की जिंदगी.....
सौ बरस की जिंदगी.....
Harminder Kaur
महाभारत युद्ध
महाभारत युद्ध
Anil chobisa
💐प्रेम कौतुक-303💐
💐प्रेम कौतुक-303💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
तुम्हारा हर लहज़ा, हर अंदाज़,
तुम्हारा हर लहज़ा, हर अंदाज़,
ओसमणी साहू 'ओश'
मेरे मौन का मान कीजिए महोदय,
मेरे मौन का मान कीजिए महोदय,
शेखर सिंह
“I will keep you ‘because I prayed for you.”
“I will keep you ‘because I prayed for you.”
पूर्वार्थ
ये मानसिकता हा गलत आये के मोर ददा बबा मन‌ साग भाजी बेचत रहिन
ये मानसिकता हा गलत आये के मोर ददा बबा मन‌ साग भाजी बेचत रहिन
PK Pappu Patel
सावन और साजन
सावन और साजन
Ram Krishan Rastogi
नववर्ष 2024 की अशेष हार्दिक शुभकामनाएँ(Happy New year 2024)
नववर्ष 2024 की अशेष हार्दिक शुभकामनाएँ(Happy New year 2024)
आर.एस. 'प्रीतम'
"कभी मेरा ज़िक्र छीड़े"
Lohit Tamta
जन्म दिवस
जन्म दिवस
Aruna Dogra Sharma
जिन्दा हो तो,
जिन्दा हो तो,
नेताम आर सी
कर्म कांड से बचते बचाते.
कर्म कांड से बचते बचाते.
Mahender Singh
बात कलेजे से लगा, काहे पलक भिगोय ?
बात कलेजे से लगा, काहे पलक भिगोय ?
डॉ.सीमा अग्रवाल
*बेचारे वरिष्ठ नागरिक (हास्य व्यंग्य)*
*बेचारे वरिष्ठ नागरिक (हास्य व्यंग्य)*
Ravi Prakash
दोस्ती पर वार्तालाप (मित्रता की परिभाषा)
दोस्ती पर वार्तालाप (मित्रता की परिभाषा)
Er.Navaneet R Shandily
#सामयिक_गीत :-
#सामयिक_गीत :-
*Author प्रणय प्रभात*
उगते विचार.........
उगते विचार.........
विमला महरिया मौज
Loading...