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8 Nov 2021 · 1 min read

इंकलाब का शायर

हुज़ूरे-वाला के दरबार में
हाज़िरी लगाने से
हम तो रहे!
जिल्ले-इलाही की शान में
कसीदे सुनाने से
हम तो रहे!
चुनवा दिया जाए क्यों ना
अब हमें ज़िंदा ही
दीवार में!
शहंशाह की तफ़रीह के लिए
तमाशा दिखाने से
हम तो रहे!
Shekhar Chandra Mitra
#इंकलाबीशायरी #सियासीशायरी
#रोमांटिकशायरी #चुनावीशायरी

Language: Hindi
266 Views
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