- मोहब्बत का सफर बड़ा ही सुहाना -
गर्मी और नानी का आम का बाग़
!! सुविचार !!
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
गुरु अमरदास के रुमाल का कमाल
बरसात
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
पग-पग पर हैं वर्जनाएँ....
नाथ शरण तुम राखिए,तुम ही प्राण आधार
*सत्पथ पर यदि चलना है तो, अपमानों को सहना सीखो ( राधेश्यामी
रोशनी और कुदरत की सोच रखते हैं।
दुनिया देखी रिश्ते देखे, सब हैं मृगतृष्णा जैसे।