हिन्दी भारत का उजियारा है
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
पति की खुशी ,लंबी उम्र ,स्वास्थ्य के लिए,
अपने हुस्न पर इतना गुरूर ठीक नहीं है,
*दौड़ा लो आया शरद, लिए शीत-व्यवहार【कुंडलिया】*
।। श्री सत्यनारायण कथा द्वितीय अध्याय।।
मैं नहीं हूं अपने पापा की परी
हिंदी दिवस पर ग़ज़ल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
सामाजिक कविता: बर्फ पिघलती है तो पिघल जाने दो,