Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Feb 2021 · 1 min read

आ सजन प्यार करूँ

एक ख़त मोहब्बत के नाम प्रतियोगिता के लिए मेरी प्रविष्टि

आ सजन
प्यार करूंँ
तेरी हसरतों को सजा संँवार कर
अपने हाथों से दुलार करूंँ
तेरी पलकों के रोएँ चूम लूंँ
और उनके अंदर कैद सपनों को उठाकर
खुद में चुन लूंँ
अपने मुकद्दर के सारे तारे तोड़ डालूँ
और तेरी सेज पर बिखेर दूंँ
अपने हाथों की मेहंदी गीली करूंँ
और तेरे सीने पर ठंडक सी रख दूंँ
मैं एक निवाला बनूँ
और तेरी भूख के हवाले होऊँ
मैं एक घूंँट
जिसे तेरी प्यास में डुबो दूंँ
तेरी सांँस मेरी सांँसों से एक वादा करे ,
एक बात कहे
जिसे मैं अपने सीने की तिजोरी में डाल दूंँ
वह वक्त आए
जब वक्त रुक जाए
मेरी छत पर तेरी तमन्नाओं की
चांँदनी बिखर जाए
उस चांँदनी से उधार लूंँ
और तेरी बाहों में उसे सुला दूंँ
बिखरा दूंँ
तेरी बरसों से जागी आंँखों में
लोरियाँ पिरो दूँ
और अपने आप की थपकी से
तुझे सुला दूंँ
मैं एक वक्त की तलाश बनूंँ
और सिर्फ तुझे ही देख सकूंँ
पा सकूँ , दे सकूँ ।।।।

( सर्वाधिकार सुरक्षित स्वरचित अप्रकाशित मौलिक रचना – सीमा वर्मा )

16 Likes · 24 Comments · 772 Views
Books from Seema Verma
View all

You may also like these posts

मैं तो निकला था,
मैं तो निकला था,
Dr. Man Mohan Krishna
इनका एहसास खूब होता है,
इनका एहसास खूब होता है,
Dr fauzia Naseem shad
झूठा फिरते बहुत हैं,बिन ढूंढे मिल जाय।
झूठा फिरते बहुत हैं,बिन ढूंढे मिल जाय।
Vijay kumar Pandey
साथ था
साथ था
SHAMA PARVEEN
दिल की हसरत निकल जाये जो तू साथ हो मेरे,
दिल की हसरत निकल जाये जो तू साथ हो मेरे,
Phool gufran
धन से बड़ा ध्यान।
धन से बड़ा ध्यान।
Ravikesh Jha
The only difference between dreams and reality is perfection
The only difference between dreams and reality is perfection
सिद्धार्थ गोरखपुरी
चलो आज खुद को आजमाते हैं
चलो आज खुद को आजमाते हैं
कवि दीपक बवेजा
* आख़िर भय क्यों ? *
* आख़िर भय क्यों ? *
भूरचन्द जयपाल
वक्त रुकता नहीं कभी भी ठहरकर,
वक्त रुकता नहीं कभी भी ठहरकर,
manjula chauhan
पेपर लीक हो रहे ऐसे
पेपर लीक हो रहे ऐसे
Dhirendra Singh
याद  आयेगा हमें .....
याद आयेगा हमें .....
sushil sarna
आग़ाज़
आग़ाज़
Shyam Sundar Subramanian
सियासी मुद्दों पर आए दिन भाड़ सा मुंह फाड़ने वाले धर्म के स्वय
सियासी मुद्दों पर आए दिन भाड़ सा मुंह फाड़ने वाले धर्म के स्वय
*प्रणय*
*प्रकटो हे भगवान धरा पर, सज्जन सब तुम्हें बुलाते हैं (राधेश्
*प्रकटो हे भगवान धरा पर, सज्जन सब तुम्हें बुलाते हैं (राधेश्
Ravi Prakash
*वोट की ताकत*
*वोट की ताकत*
Dushyant Kumar
क्या करूं मैं!            भुलके भी तुझे कभी नहीं भुला सका।
क्या करूं मैं! भुलके भी तुझे कभी नहीं भुला सका।
Iamalpu9492
"यादों के उजाले"
Dr. Kishan tandon kranti
"भोर की आस" हिन्दी ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
वक्त बर्बाद मत करो किसी के लिए
वक्त बर्बाद मत करो किसी के लिए
Sonam Puneet Dubey
मर्द कभी रोते नहीं हैं
मर्द कभी रोते नहीं हैं
Sunil Maheshwari
डॉ. ध्रुव की दृष्टि में कविता का अमृतस्वरूप
डॉ. ध्रुव की दृष्टि में कविता का अमृतस्वरूप
कवि रमेशराज
चंद्रयान थ्री मिशन
चंद्रयान थ्री मिशन
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
3923.💐 *पूर्णिका* 💐
3923.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
My dear  note book.
My dear note book.
Priya princess panwar
दर्द व्यक्ति को कमजोर नहीं बल्कि मजबूत बनाती है और साथ ही मे
दर्द व्यक्ति को कमजोर नहीं बल्कि मजबूत बनाती है और साथ ही मे
Rj Anand Prajapati
गणतंत्र दिवस
गणतंत्र दिवस
विजय कुमार अग्रवाल
*जिंदगी*
*जिंदगी*
Harminder Kaur
पाप्पा की गुड़िया.
पाप्पा की गुड़िया.
Heera S
ऋषि मगस्तय और थार का रेगिस्तान (पौराणिक कहानी)
ऋषि मगस्तय और थार का रेगिस्तान (पौराणिक कहानी)
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
Loading...