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1 Jul 2021 · 1 min read

आ रही फिर से है हवा कोई

2122…….1212……..22
आ रही फिर से है हवा कोई।
लेके फिर और इक वबा कोई।

सोच कैसे बचायेगा दामन,
है अगर चे हुनर बता कोई।

फूल डर से न अब तो खिलते हैं,
ले न कच्ची कली उठा कोई।

भूख ने गिरवी रख दिये बच्चे,
फिर से बंधुआ हो गया कोई।

दर्द ऐसा दिया है दुनियां को,
जो दवा है, नहीं दवा कोई।

वो जो इंसानियत के दुश्मन हैं,
जलते दीपक बुझा गया कोई।

प्रेम दिल में बसा गया कोई,
मुझको प्रेमी बना गया कोई।

…….✍️ प्रेमी

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