आ भी जाओ…
बोलो आज क्या बहाना है
आ भी जाओ गर आना है
गमों को तुम्हें हराना है
हर हाल में मुस्कुराना है
आओ नई ज़मीन तलाशें
हमें दयार फिर बसाना है
गमों के बदले खुशी देकर
अपना भी ज़र्फ़ दिखाना है
किसी की खुशियों के वास्ते
खुद ही हमें हार जाना है
जिसको कि टूट के चाहा था
उसे अब टूट के जाना है
हम दिल से प्यार करते हैं
उन्हें बस प्यार दिखाना है
बहरहाल अपने वादे को
निभाना है, बस निभाना है