आ तो सही इक बार मेरे गाँव में
आ तो सही इक बार मेरे गाँव में
अद्भुत अतिथि सत्कार मेरे गाँव में
हर वक्त रहते हैं खुले सबके लिए
सबके दिलों के द्वार मेरे गाँव में
तालाब नदियाँ और पनघट की छटा
है प्रीति का विस्तार मेरे गाँव में
सम्मान पूरा है बुजुर्गों का यहाँ
होते नहीं वे भार मेरे गाँव में
सब बाँटते मिल साथ में सुख और दुख
हो जीत या फिर हार मेरे गाँव में