आ गए चुनाव
बढ़ रहा है शोर शराबा
आया पांच साल का मेला
खूब हो रही है हलचल
भाषणों का जम रहा है रेला
फोन ले लो , टीवी ले लो
आटा चावल राशन ले लो
जो चाहो वो मुफ्त मे देंगे
बस वोट का अपने वादा करलो
गाना गा दू, नाच दिखा दूं
पैर छूकर मान बढ़ा दूं
सेवा से गदगद कर दूंगा
एक बार कुर्सी दिलवा दो
मै ही हूं सबसे बेहतर
बाकी सब है झूठे सेवक
विकास गंगा छुपी मेरी शिखा में
बाकि सबकी जेबो में दौलत
सारे दुख मै हर लूंगा
खुशियो से मैं भर दूंगा
बटन मेरे नाम दबाना
हर मुश्किल को हल कर दूंगा
कोई जादूगर , कोई बाजीगर
नेताओ की भीड है भर – भर
कोई तो सही राह दिखादे
मन से सच्चा वोट करादे
दूर दृष्टि लिए कोई हो
सेवा का भाव भरा हो
अपना घर भरने का जिसने
लालच को सदा तजा हो
ऐसा नेता अपना चुन के
कर्तव्य बेशक पूर्ण करूंगा
दिशा दशा सही रखने देश की
मतदान मै अवश्य करूंगा
संदीप पांडे”शिष्य” अजमेर