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28 Jul 2020 · 1 min read

आज़ाद गज़ल

वफ़ात =death

सोंचि हुई भला बात कहाँ होती है
रोज रोज चांदनी रात कहाँ होती है ।

अब सिर्फ़ हाथ ही सब मिलातें हैं
दिल में वो जज्बात कहाँ होती है ।

प्यार,इश्क़,मुहब्बत,उल्फत,चाहत
आजकल ये सौग़ात कहाँ होती हैं ।

चुनावी गरज से नज़र आते हैं नेता
जीत के बाद मुलाकात कहाँ होती है ।

जीने की चाह लिए मर गये कितने
कोई चाहे भी तो वफ़ात कहाँ होती है
-अजय प्रसाद
-AJAY PRASAD
TGT ENGLISH DAV PS PGC
BIHARSHARIF ,NALANDA, BIHAR
803216 ?9006233053

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