आज़ाद गज़ल
आईये सुन लें ज़रा बाबा लालची जी का प्रवचन
एंट्री तो फ्री है मगर दान में लें तें हैं मोटी रकम ।
साधना,त्याग और तपस्या में सारी उम्र है गुजारी
रात दिन सेविकाएँ ही इनका करतीं हैं मनोरंजन ।
‘मोहमाया में मत फंसे रहना तू ए इन्सान’,कहतें हैं
इस कीमती ज्ञान के बदले में लेंतें है भक्तों से धन ।
रहते हैं आलिशान बंगले में एशो आराम के साथ
कहतें हैं दुनिया को यही है मेरा छोटा सा आश्रम ।
जाने कितने चमत्कार किये हैं तुम्हें क्या पता है
करतें तबादले अफसरों के जितवाते हैं इलेक्शन ।
चेले इनके भरे पडें हैं चाहे इंडिया हो या एब्रोड
पूरे विश्व के भ्रष्ट लोगों से इनका है गहरा रिलेशन ।
सोंचा क्यों न आज आप लोगों को भी मिलवा दूँ
इसलिए अजय से मैने लिखवाया है इंट्रोडक्शन ।
-अजय प्रसाद