आज़ाद गज़ल
खौफ़ -ए- फसल है इंश्योरेंस
बेहतरीन शगल है इंश्योरेंस ।
लाईफ़ का हो या हो हेल्थ का
कीचड़ में कमल है इंश्योरेंस ।
है वीमा विज्ञापनों का बाज़ार
ज्यूँ गुट्खा विमल है इंश्योरेंस
शौक-ए-अमीरी,बोझा-ए -गरीबी
फक़त रद्दो बदल है इंश्योरेंस ।
कहीं LIC,कहीं STAR ,तो कहीं
ये SBI जनरल है इंश्योरेंस
अच्छा है अजय तू ने भी लिया
आखिरी ये अमल है इंश्योरेंस ।
-अजय प्रसाद