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11 Dec 2021 · 1 min read

आज़ाद गज़ल

सियासत में शराफत ! क्या बात करते हो !
बुजदिल से हिमाक़त! क्या बात करते हो !
जब गुंजाइश ही नहीं तो गुज़ारिश क्या करें
बेरोजगार और बगावत!क्या बात करते हो ।
गुजारी है रात थाने में दहशत के साथ उसने
पुलिस और हिफाज़त ! क्या बात करते हो ।
होगए हों वकीलऔर मुंसिफ़ ही जब खिलाफ़
न्याय दिलाएगी अदालत!क्या बात करते हो।
देखा तो है आपने हश्र सच पर चलने वालों का
अजय अब रहेगा सलामत! क्या बात करते हो।
-अजय प्रसाद

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