आज़ाद गज़ल
चलिए अच्छा है सोशल मीडिया पर लड़ रहे हैं
तकनिकी तरिके से हाथ धोकर पीछे पड़ रहे हैं।
जुबानी जंग बेहद फायदेमंद साबित हो रही है
बिना एक दूसरे को छूए ही तमाचे जड़ रहे हैं।
डिजिटलीकरण का बेहतरीन इस्तेमाल कर के
मुहतोड़ कमेंट्स के ज़रिए ही दोनो झगड़ रहें हैं।
फ़ेसबुक,वॉट्सएप्प इंस्टाग्राम और ट्वीटर पर
नेता,अभिनेता,पक्ष,विपक्ष बेखौफ़ रगड़ रहे हैं ।
नये ज़माने की बस इक यही बात बुरी लगती है
बिना सोंचे समझे अपनी बस्ती से उजड़ रहे हैं ।
-अजय प्रसाद