Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Aug 2020 · 1 min read

आज़ाद गज़ल

आईने अब मुझे चिढ़ाने लगे
हो गया बूढ़ा मैं , बताने लगे ।

क्या करूँ तू बता मैं अब ज़िंदगी
अक़्स अपने ही जब पुराने लगे ।

खौफ़ से रौशनी में जाता नहीं
साया मेरा न अब डराने लगे ।

उम्र का ही असर लगे है मुझे
झुर्रियां चेह्रे पे नज़र आने लगे

चल अजय मान ले हकीक़त तू भी
तेरे अपने भी अब भुलाने लगे ।
-अजय प्रसाद

3 Likes · 223 Views

You may also like these posts

वो रात कुछ और थी ।
वो रात कुछ और थी ।
sushil sarna
*Fear not O man!*
*Fear not O man!*
Veneeta Narula
मंजिल की तलाश में
मंजिल की तलाश में
Praveen Sain
हमारी प्यारी मां
हमारी प्यारी मां
Shriyansh Gupta
शहीदी दिवस की गोष्ठी
शहीदी दिवस की गोष्ठी
C S Santoshi
' क्या गीत पुराने गा सकती हूँ?'
' क्या गीत पुराने गा सकती हूँ?'
सुरेखा कादियान 'सृजना'
ये मानसिकता हा गलत आये के मोर ददा बबा मन‌ साग भाजी बेचत रहिन
ये मानसिकता हा गलत आये के मोर ददा बबा मन‌ साग भाजी बेचत रहिन
PK Pappu Patel
आजकल गरीबखाने की आदतें अमीर हो गईं हैं
आजकल गरीबखाने की आदतें अमीर हो गईं हैं
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
ख़ालीपन
ख़ालीपन
MEENU SHARMA
" आजकल "
Dr. Kishan tandon kranti
क्या रखा है? वार में,
क्या रखा है? वार में,
Dushyant Kumar
■नापाक सौगात■
■नापाक सौगात■
*प्रणय*
3986.💐 *पूर्णिका* 💐
3986.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
आखिर कब तक
आखिर कब तक
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
यूं आसमान हो हर कदम पे इक नया,
यूं आसमान हो हर कदम पे इक नया,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
भावों का भोर जब मिलता है अक्षरों के मेल से
भावों का भोर जब मिलता है अक्षरों के मेल से
©️ दामिनी नारायण सिंह
वो मेरा है
वो मेरा है
Rajender Kumar Miraaj
Sharing the blanket
Sharing the blanket
Deep Shikha
मौन
मौन
निकेश कुमार ठाकुर
तस्वीर
तस्वीर
Dr. Mahesh Kumawat
कृष्ण
कृष्ण
Chaahat
आइल दिन जाड़ा के
आइल दिन जाड़ा के
आकाश महेशपुरी
कला
कला
मनोज कर्ण
नारी की लुटती रहे, क्यूँ कर दिन दिन लाज ?
नारी की लुटती रहे, क्यूँ कर दिन दिन लाज ?
RAMESH SHARMA
आसान नहीं
आसान नहीं
पूर्वार्थ
चांद पर तिरंगा
चांद पर तिरंगा
Sudhir srivastava
मैं तुम्हें यूँ ही
मैं तुम्हें यूँ ही
हिमांशु Kulshrestha
अकेले चलने की तो ठानी थी
अकेले चलने की तो ठानी थी
Dr.Kumari Sandhya
तेरा कंधे पे सर रखकर - दीपक नीलपदम्
तेरा कंधे पे सर रखकर - दीपक नीलपदम्
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
Interesting Geography
Interesting Geography
Buddha Prakash
Loading...