Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Mar 2019 · 1 min read

आज़ाद गज़ल

बड़ी खामोशी से

सपने टूटते हैं बड़ी खामोशी से
अपने लूटते हैं बड़ी खामोशी से ।
ज़र,जोरू या जमीन की खातीर
रिश्ते छूटते हैं बड़ी खामोशी से ।
कुदरत का कहर, वक्त की मार
हालात कूटते हैं बड़ी खामोशी से ।
करते जिनसे उम्मीद हैं मनाने की
वोही रूठते हैं बड़ी खामोशी से ।
हैसीयत बदलते ही हाथों से हाथ
अक़्सर छूटते हैं बड़ी खामोशी से ।
-अजय प्रसाद
AJAY PRASAD TGT ENGLISH DAV PS PGC BIHARSHARIF NALANDA BIHAR 9006233052.

2 Likes · 237 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मेरा लेख
मेरा लेख
Ankita Patel
अब किसपे श्रृंगार करूँ
अब किसपे श्रृंगार करूँ
डॉ०छोटेलाल सिंह 'मनमीत'
मेरा शहर
मेरा शहर
विजय कुमार अग्रवाल
वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई - पुण्यतिथि - श्रृद्धासुमनांजलि
वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई - पुण्यतिथि - श्रृद्धासुमनांजलि
Shyam Sundar Subramanian
दुआ कबूल नहीं हुई है दर बदलते हुए
दुआ कबूल नहीं हुई है दर बदलते हुए
कवि दीपक बवेजा
गोवर्धन गिरधारी, प्रभु रक्षा करो हमारी।
गोवर्धन गिरधारी, प्रभु रक्षा करो हमारी।
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
चाह ले....
चाह ले....
सिद्धार्थ गोरखपुरी
बाद मुद्दत के हम मिल रहे हैं
बाद मुद्दत के हम मिल रहे हैं
Dr Archana Gupta
टेंशन है, कुछ समझ नहीं आ रहा,क्या करूं,एक ब्रेक लो,प्रॉब्लम
टेंशन है, कुछ समझ नहीं आ रहा,क्या करूं,एक ब्रेक लो,प्रॉब्लम
dks.lhp
गांव की ख्वाइश है शहर हो जानें की और जो गांव हो चुके हैं शहर
गांव की ख्वाइश है शहर हो जानें की और जो गांव हो चुके हैं शहर
Soniya Goswami
हौसले हो अगर बुलंद तो मुट्ठि में हर मुकाम हैं,
हौसले हो अगर बुलंद तो मुट्ठि में हर मुकाम हैं,
Jay Dewangan
अक्सर लोगों को बड़ी तेजी से आगे बढ़ते देखा है मगर समय और किस्म
अक्सर लोगों को बड़ी तेजी से आगे बढ़ते देखा है मगर समय और किस्म
Radhakishan R. Mundhra
"बेटा-बेटी"
पंकज कुमार कर्ण
फूल और तुम
फूल और तुम
Sidhant Sharma
हर प्रेम कहानी का यही अंत होता है,
हर प्रेम कहानी का यही अंत होता है,
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
खाक पाकिस्तान!
खाक पाकिस्तान!
Saransh Singh 'Priyam'
2550.पूर्णिका
2550.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
न ख्वाबों में न ख्यालों में न सपनों में रहता हूॅ॑
न ख्वाबों में न ख्यालों में न सपनों में रहता हूॅ॑
VINOD CHAUHAN
स्थापित भय अभिशाप
स्थापित भय अभिशाप
ज्ञानीचोर ज्ञानीचोर
■ अनियंत्रित बोल और बातों में झोल।।
■ अनियंत्रित बोल और बातों में झोल।।
*Author प्रणय प्रभात*
छोटी- छोटी प्रस्तुतियों को भी लोग पढ़ते नहीं हैं, फिर फेसबूक
छोटी- छोटी प्रस्तुतियों को भी लोग पढ़ते नहीं हैं, फिर फेसबूक
DrLakshman Jha Parimal
कसूर उनका नहीं मेरा ही था,
कसूर उनका नहीं मेरा ही था,
Vishal babu (vishu)
शिव का सरासन  तोड़  रक्षक हैं  बने  श्रित मान की।
शिव का सरासन तोड़ रक्षक हैं बने श्रित मान की।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
ज़िंदगी मोजिज़ा नहीं
ज़िंदगी मोजिज़ा नहीं
Dr fauzia Naseem shad
*चैत : 13 दोहे*
*चैत : 13 दोहे*
Ravi Prakash
दुनिया एक दुष्चक्र है । आप जहाँ से शुरू कर रहे हैं आप आखिर म
दुनिया एक दुष्चक्र है । आप जहाँ से शुरू कर रहे हैं आप आखिर म
पूर्वार्थ
जब तुम मिलीं - एक दोस्त से सालों बाद मुलाकात होने पर ।
जब तुम मिलीं - एक दोस्त से सालों बाद मुलाकात होने पर ।
Dhriti Mishra
तुमने मुझे दिमाग़ से समझने की कोशिश की
तुमने मुझे दिमाग़ से समझने की कोशिश की
Rashmi Ranjan
सुविचार
सुविचार
Dr MusafiR BaithA
"शुभचिन्तक"
Dr. Kishan tandon kranti
Loading...