आज़ादी भी आज कुछ ज्यादा आज़ाद दिखी ।
लाया है स्वतन्त्रता दिवस साथ में,राखी का त्यौहार |
जिसने फहराया है देश में आज,भाई बहन का प्यार ||
आजादी के रंग में रंगे है,भाई – बहन सब संग |
भाई ने रक्षा का वादा किया,लगवा टीका रोली संग ||
राखी के धागे कच्चे हैं लेकिन,जुडा है पक्का विश्वास |
एक वर्ष के बाद ये दोनों आते,लगाये रहते है सब आस ||
दोनों ही त्यौहार है पावन , ये दोनों ही पर्व महान |
झुकने इसको कभी न देगे,चाहे तजने पड़े हमें प्राण ||
तीन रंगो का यह हमारा तिरंगा,देता विश्व को सच्चा सन्देश |
केसरिया बलिदान का,हरा हरियाली का,स्वेत शांति का सन्देश ||
नीचे जो डंडा लगा हुआ है,वह है हमारी शक्ति का प्रमाण |
हमको जो आँखे दिखायेगा,उसका जड़ से करता है कल्याण |
‘दीप’ आज़ादी भी आज कुछ ज्यादा आज़ाद दिखी ।
घाटी में जो आज तिरंगे की लहराती साख दिखी।