आख़िरी मुलाक़ात
हो सकता है ये आख़िरी मुलाक़ात हो,
कल हम किसी के तू किसी के साथ हो ।।
जैसा भी और जो भी हो सब सहना है,
ज़िंदगी की मंजूर हम को हर बिसात हो ।।
दुआ है कि वो दिन न आए कभी जब,
हमारा किसी और के हाथों में हाथ हो ।।
मोहब्बत में इंतिज़ार कर ज़िद नहीं,
इश्क़ में ता-उम्र बस यही बात हो ।।
#हनीफ़_शिकोहाबादी ✍️