आह, ये नशा
जीवन के हर रंग से
जुड़कर जीता मरता
फिर भी मोह तज न पाए
आह, ये जीवन का नशा
कुछ बनने का नशा
आगे बढ़ने का नशा
श्रृंगार का नशा
किसी के प्यार का नशा
रूपए कमाने का नशा
झूठे दिखावे का नशा
सामाजिक रुतबे का नशा
ऊंचे ओहदे का नशा
मृत्यु अटल सत्य फिर भी
मौत को हराने का नशा
जीते जाने का नशा
आह, ये जीवन का नशा
चित्रा बिष्ट