आहिस्ता आहिस्ता
आहिस्ता आहिस्ता सफर ये कट जाएगा
जीवन जीने का मकसद पूरा हो जाएगा
सोचता हूँ कभी यह क्यों कब कैसे हुआ
जो भी हुआ ठीक हुआ भ्रम मिट जाएगा
फूलों सी नाजुक होती है यह जिन्दगानी
जिन्दादिल से जिए तो जीवन कट जाएगा
किस पर कैसे कब तक यकीन किया जाए
यकीन हो गया तो जीवन सफल हो जाएगा
प्यार बिना जीवन होता है आधा अधूरा
प्रेमपूर्ति हो जाए तो जीवन पूरा हो जाएगा
कष्टों भरी होती है यह अनमोल जिन्दगी
खुशनुमा हसीं पल हो तो कष्ट कट जाएगा
पानी के बुलबुले सा होता है मानव जीवन
बुलबुला फूट गया तो सब खत्म हो जाएगा
खुली आँखों से देखे हैं हमने हसीन सपने
कभी ना कभी देखा स्वपन सच हो जाएगा
आहिस्ता आहिस्ता ये सफर कट जाएगा
जीवन जीने का मकसद पूरा हो जाएगा
सुखविंद्र सिंह मनसीरत