Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Aug 2023 · 2 min read

आसाराम बापू पर एक कविता / मुसाफ़िर बैठा

लय-लड़ी में इक भावोच्छ्वास :

राम ! राम!! आसाराम

ई आसा सदृश निराशा अबके लंगड़े लोकतंत्र में ना कुछ कम साधुवेशी राजा है
धन दौलत और शोहरत का चरम संभाले चुभला रहा फ़ोकट में मिला बताशा है
अकाल जहाँ की विकट समस्या पानी की किल्लत हाहाकार रहा
मशीनी पिचकारी से बहा मनमाना रंगीं पानी भक्त-बीच होली पर करे खेल-तमाशा है

जितने बयान दिए हैं उसके चेलों ने अबतक या जो जो खुद वह बोला है
उसकी चोर दाढ़ी तिनके वाली से निकला ना भी तो बिलकुल हाँ-सा है
अध्यात्म का उसका चोला है मत समझो वह कहीं से भोला नादां है
हजार बलात्कार किये खलकामी ने खोल राज यह एक बीते-चेले ने चेहरा उसका तराशा है

पहली बार नहीं घटाया इसने आदतन यह घट-घट स्खलित अपराधी है
इलाज-बात हो मुकम्मल अक्षतनख इस वृद्ध-भेडिये की नहीं तो लोगों के बीच हताशा है

एक राजा हमने सुना है सोलह सौ नार का दीदार वो करता था
बिठा डाला उसको भी हमने देव पांत में तर्क में बिठता नहीं जरा-सा है
सोचो कितनी अबलाओं की चीखें चिल्लाहटें आबोहवा में गूंज रही होंगी कबसे
इतने सौ की संख्या तो है घुटने टेके पस्त-स्वप्न बेबस अंगनाओं की आगे का अनुमान खुला-सा है

अपराधी तो अपराधी है राजा हो या रंक या फिर कोई साधुता-सेवी
नथ कर निरे धर्म अभ्यास में ऐसों पर क्यों अबतक हमारा विरोध मरा-सा है
कितनी ही दिल्ली-मुंबई-सी निर्भयाओं के प्रतिकार-विफल आबरू-लूट कथा अतीत में दफ़न होगी
खेले जो छुप-छुप या खुले खेल ऐसे हया-हीन स्वत्वमर्दकों को स्वीकारना भई, मना-सा है

सच झूठ में फरक तो भाई करना ही होगा जानो करना गो कि
अंग लगा के बुद्धिवादी मानवता को चलना काम जरूर बड़ा-सा है

गर मरज हो दूर भगाना औ’ मन-मस्तिष्क मजबूत बनाना दवा कडवी पीनी होगी
मान लो बात ये मीत फेसबुकियो इस ‘मुबै’ की भले ही परामर्श जरा कटुक कड़ा-सा है

Language: Hindi
159 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr MusafiR BaithA
View all
You may also like:
कैसे देख पाओगे
कैसे देख पाओगे
ओंकार मिश्र
सद्विचार
सद्विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
शुभकामना संदेश.....
शुभकामना संदेश.....
Awadhesh Kumar Singh
ना चाहते हुए भी रोज,वहाँ जाना पड़ता है,
ना चाहते हुए भी रोज,वहाँ जाना पड़ता है,
Suraj kushwaha
योग की महिमा
योग की महिमा
Dr. Upasana Pandey
मगरूर क्यों हैं
मगरूर क्यों हैं
Mamta Rani
यौवन रुत में नैन जब, करें वार पर  वार ।
यौवन रुत में नैन जब, करें वार पर वार ।
sushil sarna
রাধা মানে ভালোবাসা
রাধা মানে ভালোবাসা
Arghyadeep Chakraborty
महबूब से कहीं ज़्यादा शराब ने साथ दिया,
महबूब से कहीं ज़्यादा शराब ने साथ दिया,
Shreedhar
वो तो है ही यहूद
वो तो है ही यहूद
shabina. Naaz
तुम ये उम्मीद मत रखना मुझसे
तुम ये उम्मीद मत रखना मुझसे
Maroof aalam
चलो इश्क़ जो हो गया है मुझे,
चलो इश्क़ जो हो गया है मुझे,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
*गधा (बाल कविता)*
*गधा (बाल कविता)*
Ravi Prakash
डाइन
डाइन
अवध किशोर 'अवधू'
जिसके हर खेल निराले हैं
जिसके हर खेल निराले हैं
Monika Arora
जाने कब दुनियां के वासी चैन से रह पाएंगे।
जाने कब दुनियां के वासी चैन से रह पाएंगे।
सत्य कुमार प्रेमी
100 से अधिक हिन्दी पत्र-पत्रिकाओं की पते:-
100 से अधिक हिन्दी पत्र-पत्रिकाओं की पते:-
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
बसंत हो
बसंत हो
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
सत्य की खोज, कविता
सत्य की खोज, कविता
Mohan Pandey
यदि आप सकारात्मक नजरिया रखते हैं और हमेशा अपना सर्वश्रेष्ठ प
यदि आप सकारात्मक नजरिया रखते हैं और हमेशा अपना सर्वश्रेष्ठ प
पूर्वार्थ
राम राज्य
राम राज्य
Shashi Mahajan
आता एक बार फिर से तो
आता एक बार फिर से तो
Dr Manju Saini
सावन में संदेश
सावन में संदेश
Er.Navaneet R Shandily
जिगर धरती का रखना
जिगर धरती का रखना
Kshma Urmila
मैं जैसा हूँ लोग मुझे वैसा रहने नहीं देते
मैं जैसा हूँ लोग मुझे वैसा रहने नहीं देते
VINOD CHAUHAN
3481🌷 *पूर्णिका* 🌷
3481🌷 *पूर्णिका* 🌷
Dr.Khedu Bharti
दौलत
दौलत
Neeraj Agarwal
लोकतंत्र तभी तक जिंदा है जब तक आम जनता की आवाज़ जिंदा है जिस
लोकतंत्र तभी तक जिंदा है जब तक आम जनता की आवाज़ जिंदा है जिस
Rj Anand Prajapati
कैसे गीत गाएं मल्हार
कैसे गीत गाएं मल्हार
Nanki Patre
भारत ने रचा इतिहास।
भारत ने रचा इतिहास।
Anil Mishra Prahari
Loading...