** आशिक और हसीना **
जा रही थी एक हसीना
सड़क के चौराहे से
पहने मॉडर्न ड्रेस
अद्खुले अंग की आभा
झलकाते हुए
जब देखा आशिक ने
तो रह गया दंग
पड़ी नज़र उसकी पहले पहल
उसकी छः इंच ऊंची
सैंडिल की एड़ी पर
देखकर ज़रा घबराया
फिर देख उसकी चाल मस्तानी
ज़रा वह मुस्काया
जब मुड़कर देखा आशिक ने
तो शर्म के मारे आँखे
नीची करली बेचारे आशिक ने
कह उठी फट से वो हूँ लड़की है
सुनकर रह गया दंग … आशिक बेचारा
ठहरा न वहाँ इक पल भी आशिक
हो गया नो दो ग्यारह बेचारा
अगर आपको भी मिल जाए ….. कोई हसीना तो
आशिक की भूमिका
सैंडलों को देखकर नहीं
चेहरा देखकर निभाइएगा ।।
? मधुप बैरागी