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2 May 2024 · 1 min read

‘आशिक़ी

क्या पहली नज़र में प्यार हो जाता है ?
जुबाँ गुमसुम रहती है नजरों से इज़हार हो जाता है ,

दिल से दिल की राह बनती है ,
ए़हसास ए इक़रार हो जाता है ,

उल्फ़त के सफ़र में अपने परा़ए से लगते हैं ,
कल तक थे जो अजनबी ,
हम़ऩवा हम़राज़ बन जाते हैं ,

अपने ग़म से बेख़ुद आश़ना के द़र्द से द़िल में टीस सी उठती है ,
हर उस़ूल फ़ीके लगते हैं ,

बग़ावत का जज़्बा द़िल मे दस्त़क देने लगता है ,
ख्या़लातों का हुज़ूम ज़ेहन पर ता़री होता है ,
तो ख्वा़बों में मन भटकता है ,

‘आशिक़ी का नश़ा दीव़ानग़ी की हद़ से गुज़रता हुआ कय़ामत तक की मंज़िल पर फ़ना होता है ।

Language: Hindi
1 Like · 46 Views
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