आव्हान
कुंडलिनी छंद
हे शिक्षक! करना तुम्हें, सृजित राष्ट्र -नव -तंत्र।
हर बालक में फूक दो, राष्ट्र भक्ति का मंत्र।
राष्ट्र – भक्ति का मंत्र, बना दे उनको तारक।
लिख कर उन्नत भाग्य, बनो प्रेरक हे शिक्षक!
अंकित शर्मा’ इषुप्रिय’
रामपुर कलाँ,सबलगढ(म.प्र.)