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10 Apr 2017 · 1 min read

आवाज़

इन साँसों की छटपट बेचैनी को जगत् में कौन समझा है,बताओ
ह्रदय की आवाज़ सुनने पास आओ।
राह दिल की सत्य से होकर गुज़रती है
भावनाएँ बीच में झटका भी देती हैं।
सारे झटकन झेलकर,दिल को सजाओ
ह्रदय की आवाज़ सुनने पास आओ।
इन साँसों की छटपट बेचैनी को जगत् में कौन समझा है,बताओ
ह्रदय की आवाज़ सुन लो,पास आओ।

Language: Hindi
235 Views
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