आवाज
न जानें क्यूं कहा हमसे उन्होंने आज
उनकी आवाज से मिलादें अपनी आवाज
काश कि वो हमें अब चाहने लगे हैं,
शायद तभी थी उनकी ये आरजू भरी आवाज |
उनकी ये आरजू , आरजू हमारी भी है
कैसे मिलती है मगर ये आवाज |
मुमकिन तो है आवाज़ों से जहन मिल जाएं,
और मुहब्बत बन जाए ये आवाज |
हम मिला तो दें उनकी आवाज से अपनी आवाज
मगर यूं खो न दें हम अपनी आवाज |