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18 May 2024 · 1 min read

आवाज तुम्हारे भैया की सुन-सुन

आवाज तुम्हारे भैया की सुन-सुन के जी घबराया है
रहूं खड़ा अटल मां सेवा में खुद भैया ने समझाया है

जल्दी जाकर मदद करो तुम आज्ञा मानो माता की
हुकुम अदूली ना कर सकता मैं खुद ही आप भरता की
कैसी घड़ी विधाता की क्यों दिल मेरा भरमाया है

समझ गई तू कपटी है तेरे मन में खोट समाया है
एक घड़ी ना जिंदा रह सकू ऐसा दोष लगाया है
अन जल भी मुंह लाग्या कोना यूं फल सेवा का पाया है

हाथ जोड़ री पांव पकड़ू जा सूध ले अपने भैया कीब
लदेव सिंह तो समझ गया था बात है खेल खिलैया की
क्या बात करूं उस भैया की जिसने यह जगत रचाया है

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