आवाजें
है जन्म से
आवाज का
संबंध
इन्सान का
होते ही जन्म
आवाज़ करता है
रोने की
अस्पष्ट आवाज
निकालता है वो
कुछ समझने
समझाने के लिए
माता पिता का
हाथ और साथ
सिखाता है
दुनियादारी
सिखाते है मायने
जिन्दगी के
शक्ल लेती जाती
अस्पष्ट आवाज
सार्थक
होती जाती
सीखने सिखाने
की कोशिशें
और आकार
लेती जातीं हैं
आवाजें
होतीं हैं साथ
आवाजें हमारे
आत्मविश्वास
मार्गदर्शन की
जिन्दा है जिन्दगी
जब तक
गूंजती रहतीं हैं
आवाजें यहाँ वहाँ
जिस दिन
गुम हुई जिन्दगी
लुप्त हो गया जीवन
स्वलिखित
लेखक संतोष श्रीवास्तव भोपाल