आलेख
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“लाकॅडाउन की सीख”
इस कोरोना कॉल में पूरे विश्व में एक भयंकर संकट आया हुआ है । प्रत्येक देश , व्यक्ति ,समुदाय , इस संकट से जूझ रहा है, लोग घरों में कैद होकर रह गए हैं । सरकार ,स्वास्थ्य विभाग ,डब्ल्यूएचओ आदि संगठन ने इस महामारी से बचने के लिए समय-समय पर बहुत सी गाइडलाइन जारी की है, व लॉकडाउन भी लगाए हैं । वर्तमान भारत में इस प्रकार का संकट पहली बार देखने को मिला है और जनता सरकार की गाइडलाइंस का भरपूर सहयोग कर रही है । लॉकडाउन में लोग सैकड़ों दिनों से घरों में बंद है और इस महामारी की विदाई का इंतजार कर रहे हैं । लॉक डाउन का समय भारत में कई लोगों के लिए पीड़ादायक रहा है क्योंकि इस दौरान लोगों ने अपनी नौकरी गवा दी , व्यापारी वर्ग के कारोबार खात्मे की ओर है । परंतु इस लाकडाउन से हमें काफी कुछ सीखने को मिला है । आज हम इसी विषय पर क्रमवार तरीके से चर्चा करेंगे की लॉकडाउन के इस कठिन समय में हमने क्या सीखा ।
1 – अभी तक पूरे विश्व में यही माना जाता था कि भारत में स्वास्थ्य सेवाओं का स्तर कोई बहुत अच्छा नहीं है ।
क्योंकि अमरीका , रूस , फ्रांस , इटली जैसे काफी अमीर देशों में यहां के मुकाबले काफी बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मौजूद है ,परंतु इस महामारी में भारत के डॉक्टरों ने यह साबित किया है की यहां का स्वास्थ्य सेवा का स्तर यूरोपीय देशों से भी आगे हैं । ऐसा हम इसलिए कह सकते हैं क्योंकि यदि हम इस महामारी में मृत्यु दर का निरीक्षण करें तो भारत में इस बीमारी से मरने वालों की मृत्यु दर अन्य देशों की तुलना में काफी कम है और यह इसलिए है क्योंकि यहां के डॉक्टरों ने अपनी योग्यता को इस कोरोना कॉल में सिद्ध करके दिखाया है ।
2 – इस महामारी में डब्ल्यूएचओ द्वारा जारी गाइडलाइंस में जंक फूड का परहेज काफी अहम है , क्योंकि जंक फूड ज्यादातर बाहर बाजारों में ठेलो पर उपलब्ध होता है और यहीं से इंफेक्शन के घर जाने का खतरा बना रहता है । इसी कारण से जंक फूड का परहेज बताया गया है एक समय में भारत में बच्चा हो या बुढ़ा 50% से अधिक लोग प्रतिदिन जंक फूड का इस्तेमाल कर रहे थे और इससे उनके स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ रहा था । परंतु इस लॉकडाउन में लोग घरों के बने व्यंजनों का आनंद ले रहे हैं और जंक फूड को बाय-बाय कह दिया है , इस कारण घर का बना बेहतर खाना लोगों के लिए अच्छे स्वास्थ्य का कारण बना हुआ जिससे उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बड़ी है ।
3 – इस लॉकडाउन में यह बात भी सिद्ध हो गई है कि आपसी रिश्तो को बहुत बड़ी संख्या में एकत्र होकर सहजने से अच्छा है , कि कम से कम लोगों के बीच घरेलू आयोजन किए जाएं , इससे एक तो फिजूलखर्ची बचती है और आपसी सद्भाव को भी मजबूती मिलती है ।पहले लोग शादी बरातों में सैकड़ों हजारों लोगों को निमंत्रण देकर अपने रसूख का प्रदर्शन करते थे परंतु अब 50 लोगों के बीच ही यह आयोजन हो पा रहे हैं इस सब में लोगों के द्वारा की जाने वाली फिजूलखर्ची पर ब्रेक लगा है ।
4 – इस लाक डाउन की महत्वपूर्ण सीख का अब हम जिक्र कर रहे हैं इस दौरान लोगों ने अपने घरों पर रहकर अपने बालों की कटिंग ,शेविंग ,खाना बनाना आदि खुद ही सारा कार्य किया है इसका परिणाम यह हुआ बाहर ना जाकर , घर में किए गए इन कार्यों की वजह से लोगों में काफी पैसे बचाएं है ।
5 – इस लॉकडाउन में इस बात का सबसे अच्छे से एहसास हो गया है कि दुनिया में स्वास्थ्य से बड़ी पूंजी कोई नहीं, क्योंकि ऐसा ना होता तो बड़े बड़े पूंजीपति भी इस बीमारी की चपेट में आकर मृत्यु को प्राप्त ना होते, जबकि जिन व्यक्तियों का स्वास्थ्य अच्छा रहा वह आसानी से इसकी चपेट में नहीं आ रहे हैं और यदि किसी कारणवश आ भी गए तो अपनी अच्छी रोग प्रतिरोधक क्षमता के कारण इससे बाहर भी निकल पा रहे हैं ।
6 – इस लॉकडाउन में लोगों ने घरों के अंदर रहकर अपने समय का सदुपयोग किया है और अपने अंदर की प्रतिभा को इंटरनेट के माध्यम से लर्निंग क्लासेस लेकर बाहर निकालने का प्रयास किया है । बहुत से लोगों ने कहानियां लिखी , कविताएं लिखी , कुछ लोगों ने यूट्यूब से गाना सीखा , कुछ ने डांस सीखा और कुछ लोगों में तो यूट्यूब के चैनल तक बना डाले इस प्रकार से यह समय अपने अंदर की प्रतिभा को निखारने का बहुत सही समय साबित हुआ है ।
7 – अंत में हम इस लोक डाउन की सबसे बड़ी सीख और सबसे महत्वपूर्ण बात यह रही की परिवार से बढ़कर कुछ नहीं , जो लोग पूरे वर्ष कार्यों के सिलसिले में इधर-उधर घूमते रहते थे , अब उन्हें अपने परिवार के साथ रहने का मौका मिला है । इस कोरोना काल मे चाहे आपका कितना ही करीबी हो, उसने भी घर के बाहर ही आपका स्वागत किया है , और अंततः हमें घर पर ही शरण मिली है । बहुत से परिवारों में परिवारिक सदस्यों के आपसी मतभेद भी साथ साथ रहने के कारण इस दौरान काफी कम हुए हैं। इसलिए परिवार का महत्व लोगों की समझ में अच्छे से आ गया है , यह लॉकडाउन परिवार को मजबूती प्रदान करने वाला कारक बन कर आया है ।
( स्वरचित )
विवेक आहूजा
बिलारी
जिला मुरादाबाद
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