आलेख-गोविन्द सागर बांध ललितपुर उत्तर प्रदेश
आलेख :- गोविन्द सागर बाँध(Govind sagar Dam) :
-राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’
गोविन्द सागर बाँध जनपद ललितपुर उत्तर प्रदेश से पूर्वी किनारे पर बना हुआ है। यह बाँध उत्तर प्रदेश सरकार ने मुख्यमन्त्री गोविन्द दास के नाम पर बनवाया था।
यह बाँध सहजाद नदी पर बना है, जो ललितपुर के किनारे से बहती हुई उत्तर की ओर जाती है। इसकी नहर बानपुर परिक्षेत्र में दूर-दूर तक कृषि सिंचाई को जल प्रदान करती है।
साइफन प्रणाली से लैस गोविंद सागर बांध जिले के सबसे पुराने बांधों में से एक है। बांध का पूर्ण जलस्तर 363.93 मीटर और न्यूनतम 357.83 मीटर है। इस बांध से किसानों के खेतों की फसलों की सिंचाई के लिए करीब 190 किलोमीटर दायीं व बायीं नहर प्रणाली है। इनके माध्यम से करीब बीस हजार हेक्टेयर भूमि सिंचित की जाती है।
रबी के सीजन में बोयी जाने वाली मटर, मसूर, चना, गेहूं, जौ सहित अन्य फसलों के लिए पानी उपलब्ध कराया जाता है। इस रबी के सीजन में नहरों का संचालन नवंबर माह में रोस्टर के अनुसार किया गया था। लेकिन बीच में बरसात होने के बाद नहरों को बंद कर दिया गया था। इसके बाद अब सिंचाई विभाग ने शुक्रवार को रोस्टर के अनुसार दोनों नहरों को खोल दिया है।
विभागीय अधिकारियों के अनुसार नहर का संचालित होने से करीब तीस हजार किसान लाभांवित होंगे।
जनवरी 2014 से जनवरी 2016 तक गोविंद सागर बांध के एविफ़ुना का अध्ययन किया गया था। गोविंद सागर बांध 18 परिवारों से संबंधित जल पक्षियों की 74 प्रजातियों का समर्थन करता है, जिनमें से 34 प्रवासी प्रजातियाँ और 40 आवासीय पक्षी प्रजातियाँ हैं। जल पक्षियों के अलावा, गोविंद सागसर बांध के नजदीक 94 स्थलीय पक्षी प्रजातियां देखी गईं। उचित संरक्षण रणनीतियों को विकसित करना और गोविंद सागर बांध जैसे जल संसाधनों की क्षमता विकसित करना अत्यंत महत्वपूर्ण है ताकि जलाशयों की विविधता को बनाए रखा जा सके। पारिस्थितिकी तंत्र में अद्वितीय भूमिका।
साभार संदर्भ-
१-अमर उजाला (ललितपुर) समाचार पत्र
२-इंटरनेट,गूगल
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टीकमगढ़
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