Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 May 2024 · 1 min read

आलिंगन

गोधूलि बेला मद्धम होती रोशनी,
सूर्य का पश्चिम दिशा में जाते -जाते,
धीरे-धीरे आसमां में खो जाना,
जैसे धरा और गगन करते आलिंगन।

पहाड़ों से झरते झरने झर-झर कर,
मधुर संगीत के संग पहाड़ों के बीच से
रास्तों को काटकर बहते ही जाना,
और जाकर समुंदर में मिल करते आलिंगन।

बागों में पुरवा हवा के झोंको संग
झूमती हुई डालियां पत्तों के संग,
छू लेती हैं इस पौधों से उस पौधे को
मानो कर रही हो झुककर आलिंगन।

Language: Hindi
89 Views

You may also like these posts

■ आप भी करें कौशल विकास।😊😊
■ आप भी करें कौशल विकास।😊😊
*प्रणय*
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
- तुम्हारी व्याख्या -
- तुम्हारी व्याख्या -
bharat gehlot
"Go88 nổi bật với việc cung cấp dịch vụ casino chất lượng ca
Go88 - Địa Chỉ Tin Cậy Cho Các Tín Đồ Casino Tại Châu Á
हो रही है भोर अनुपम देखिए।
हो रही है भोर अनुपम देखिए।
surenderpal vaidya
वंदना
वंदना
पंकज परिंदा
विश्वासघात/धोखा
विश्वासघात/धोखा
लक्ष्मी सिंह
यूँ तो कभी
यूँ तो कभी
हिमांशु Kulshrestha
3880.*पूर्णिका*
3880.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
जिंदगी अच्छे और बुरे दोनों पलों से मिलकर बनी है, दोनों का अप
जिंदगी अच्छे और बुरे दोनों पलों से मिलकर बनी है, दोनों का अप
ललकार भारद्वाज
मां
मां
पूर्वार्थ
कोशिश मेरी बेकार नहीं जायेगी कभी
कोशिश मेरी बेकार नहीं जायेगी कभी
gurudeenverma198
సూర్య మాస రూపాలు
సూర్య మాస రూపాలు
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
खुशियों के दीप जलाना हैं! शुभ दीपावली
खुशियों के दीप जलाना हैं! शुभ दीपावली
Kuldeep mishra (KD)
आसान जिंदगी
आसान जिंदगी
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
कब तक लड़ते-झगड़ते रहेंगे हम...
कब तक लड़ते-झगड़ते रहेंगे हम...
Ajit Kumar "Karn"
दिल एक उम्मीद
दिल एक उम्मीद
Dr fauzia Naseem shad
गरीब–किसान
गरीब–किसान
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
सुकुमारी जो है जनकदुलारी है
सुकुमारी जो है जनकदुलारी है
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
मेरी अम्मा
मेरी अम्मा
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
Thought
Thought
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
*होली*
*होली*
Dr. Vaishali Verma
एक मशाल तो जलाओ यारों
एक मशाल तो जलाओ यारों
नेताम आर सी
गई सुराही छूट
गई सुराही छूट
RAMESH SHARMA
*झंडा (बाल कविता)*
*झंडा (बाल कविता)*
Ravi Prakash
कुछ तो मजबूरी रही होगी...
कुछ तो मजबूरी रही होगी...
TAMANNA BILASPURI
दो किनारे
दो किनारे
आशा शैली
रमेशराज के 12 प्रेमगीत
रमेशराज के 12 प्रेमगीत
कवि रमेशराज
सोचा ना था ऐसे भी जमाने होंगे
सोचा ना था ऐसे भी जमाने होंगे
Jitendra Chhonkar
तुम नादानं थे वक्त की,
तुम नादानं थे वक्त की,
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
Loading...