आया बरसात का मौसम
देखकर काले-काले बादल
हर्षित हुए किसान।
मालिने भी गाने लगी
बागों में सुमधुर गान।
देखो उन पंछियों को
जो ग्रीष्म से बेहाल थे।
अब,वे भी चहक कर
बरसात का स्वागत कर रहे हैं।
जरा देखो उन पशुओं को
जो कल तक गुमसुम
और,बेहाल थे।
अभी काले बादल देखकर
कैसे उछल-कूद रहे हैं।
सभी कह रहे हैं
अब आया बरसात का मौसम
और,लाया बहार अपने संग।
अब,ग्रीष्म भी अपनी
बोरी-बिस्तर लेकर जाएगी
और,अपनी ताप से
हमें मुक्त करेगी।
पर यह सच है
जब भी बरसात का मौसम आता है।
प्रकृति को हरित बनाकर
बहार से सभी को झुमा देता है।