आम जनता का शायर
जो करता उनका
दरबार नहीं है
जो पालतू और
चाटुकार नहीं है…
(१)
वह उनके लिए
गद्दार ही तो होगा
जो कुत्ते की तरह
वफादार नहीं है…
(२)
वे क्यों न भेजें
अब उसे जेल में
जो उनके पाप में
साझेदार नहीं है…
(३)
आम जनता का
शायर है शेखर
हुक्मरानों का
तरफदार नहीं है…
(४)
उसे हक़ ही नहीं
कलम छूने का
जो सच्चाई का
पैरवीकार नहीं है…
(५)
यह दीवानों की
महफ़िल है यहां
कोई उनकी तरह
बटमार नहीं है…
#Geetkar
Shekhar Chandra Mitra
#अवामीशायरी #इंकलाबीशायरी
#सियासीशायरी #चुनावीशायरी
#कटाक्ष #व्यंग्य