आमदनी ₹27 और खर्चा ₹ 29
आमदनी ₹27 और खर्चा ₹ 29
एक गांव में एक आदमी अपनी आमदनी की बात है, सत्ताईस रुपये आमदनी और उन्तीस रुपये खर्च करने वाला एक गरीब व्यक्ति जीवन जी रहा था। उसकी आमदनी के बावजूद उसके पास हमेशा आराम से रहने के लिए पर्याप्त धन नहीं था। उसे अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए एक नई सोच की जरूरत थी।
फिर एक दिन उसे विचार आया कि वह उच्च आमदनी किसी अच्छी पेशेवरी में लगाए। वह सोचा कि यदि वह एक बड़ा बिजनेस शुरू कर दे तो उसकी आमदनी बढ़ जाएगी और उसका खर्च कम होगा।
इसलिए, गरीब आदमी ने अपनी छोटी सी जमीन में सब्ज़ी उगाने का व्यापार शुरू कर दिया। उसने डाली, चावल, आलू, मटर, और भिन्न-भिन्न मेवों की उगाई औषधिक पौधे खरीदी। वह लोगों को अच्छी और स्वादिष्ट सब्जियां बेचने लगा।
व्यापार की बढ़ती हुई मांग के कारण, उसकी आमदनी धीरे-धीरे बढ़ती गई। उसने कुछ शॉप की किराया और अपनी धान्य-मसाले के इंटरेस्ट पर लोन लिया।
वक्त बीतने पर, गरीब व्यक्ति ने और जगह लेने और सहायता लेने की आवश्यकता समझी। इसलिए उसने रसोई के लिए और गाड़ी खरीदी और कुछ लोगों को रखवाल भर्ती कर लिया ताकि वह उच्च मात्रा में सब्जियां प्रदान कर सके।
इस तरह, समय के साथ, गरीब आदमी का व्यापार और बढ़ता गया और उसकी आमदनी भी काफी बढ़ गई। वह अब अपने आमदनी के साथ-साथ नए हस्तक्षेप करने के लिए पूरी तरह समर्पित हो गया है।
इस कथा से हमें यह सिखाने का संकेत मिलता है कि जीवन में सदैव मेहनत और संघर्ष करने के बावजूद, हम खुद को आगे बढ़ाने के लिए नए और सोची समझी तरीके ढूंढ सकते हैं। यह हमें यह भी दिखाता है कि किसी भी क्षेत्र में छोटी शुरुआत बड़ा असर कर सकती है जो हमारे जीवन को सफलता की ओर ले जा सकती है।
कार्तिक नितिन शर्मा