आफताब
वो आफताब है महफिल का उसे चमकने दो यारों
वो माहताब है दिल का उसे चहकने दो यारों
उसी के आने से खिलती है मेरे जीवन की फुलवारी
वो गुलाब है दिल का उसे महकने दो यारों
??नीलम शर्मा ??
वो आफताब है महफिल का उसे चमकने दो यारों
वो माहताब है दिल का उसे चहकने दो यारों
उसी के आने से खिलती है मेरे जीवन की फुलवारी
वो गुलाब है दिल का उसे महकने दो यारों
??नीलम शर्मा ??