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7 Jul 2017 · 1 min read

आफताब

वो आफताब है महफिल का उसे चमकने दो यारों
वो माहताब है दिल का उसे चहकने दो यारों
उसी के आने से खिलती है मेरे जीवन की फुलवारी
वो गुलाब है दिल का उसे महकने दो यारों

??नीलम शर्मा ??

Language: Hindi
661 Views
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