अपने आप से दीदार हुआ
बड़े दिन बाद अपने आप से दीदार हुआ,
गुफ्तगू तो अपने साथ साथ किया,
अब भी , अपनी कहीं सुन नहीं पाया,
अपने ही होश हवाश सर सरहट
को तसव्वुर दो चार हो ना सका,
हसरत -ए – दीदार अपने आप
मिल कर भी हो ना पाया।
हमेशा की तरह तुम सही मैं गलत ।।
गुफ्तगू/बात – चित
हसरत/कामना
दीदार/ मिलना/दर्शन
तसव्वुर/कल्पना