आप मिलते नहीं तो क्या करते।
गज़ल
2122…….1212…….22/112
आप मिलते नहीं तो क्या करते।
प्यार में आपको खुदा करते।
आपसे दूर कैसे हो जाऊं,
बोलो फिर कैसे हम जिया करते।
इक इबादत ही पास रखती है,
आपसे कैसे सिलसिला करते।
आग दिल में मिलन की होती तो,
दीप की भांति खुद ज़ला करते।
आप मिलने की बात कहते तो,
शाम को रोज हम मिला करते।
गर किसी का भला किया होता,
आपका ईश्वर भला करते।
गर चे गुलशन की तुम कली होतीं,
बन के भौंरा ही हम तड़ा करते।
चाहे रहते कहीं भी दुनियां में,
बन के प्रेमी हमीं रहा करते।
……..✍️ प्रेमी