आप तो ऐसे न थे ….
करोना ने बदल दिए मिजाज जबसे आपके ,
जीने के रंग ढंग ही बदल गए जैसे आपके ।
आप तो ऐसे संगदिल हरगिज न थे हजूर !!
बड़े खुशदिल मिजाज होते थे कभी आपके।
आपने बना लिया दूर से ही सलाम का चलन ,
जमाना हो गया अब तो करीब आए आपके ।
होठों पर मुस्कान और आंखों में प्यार नदारद ,
आंखें हुई अजनबी,होंठों पर चढ़ा मास्क आपके।
इस दो गज की दूरी ने दिल भी कर दिए क्या दूर ,
हमें देखते ही क्यों मुड़ जाते है कदम आपके ।
हमें तो छूने से ही एतराज होने लगा है आपको ,
अब हमारे साए से भी दूर रहने लगे निशा आपके ।
करोना ने बदल दिया इंसान को इस कदर खुदाया!
“अनु” के जज्बातो को अब कौन समझे सिवा आपके ।