आप आये जिंदगी में सब मिला मुझको।
गजल
काफ़िया- आ स्वर
रदीफ़- मुझको
फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फा
2122……2122……2122…..2
आपसे दुनियाँ से रब से क्या गिला मुझको।
आप आये जिंदगी में सब मिला मुझको।
प्यार बाँटो प्यार पाओ फलसफा सच है,
प्यार से ही आपका है सिलसिला मुझसे।
चाँद से मैं रोज मिलता छत पे जाकर के,
सोचता वो क्यों नहीं आकर मिला मुझसे।
छोड़ कर जाना यहीं सब जो यहाँ का है,
याद रखना दूर कब है कर्बला मुझसे।
ये सदा कोशिश रही सबको ही दें मुस्कान,
माँफ करना भूल से भी दिलजला मुझसे।
दूसरों के गम करो कुछ कम तो खुशियाँ हैं,
सोच किसके सूने दिल में गु्ल खिला मुझसे।
मैं हूँ प्रेमी प्रेम है मेरा भी मीरा सा,
खोजते ही खोजते कान्हा मिला मुझको।
……..✍️ प्रेमी