आप अपने बड़े किरदार संभाले रखिये
जीस्त कर के ये धुआं, हाथ उजाले रखिये
दीप छोटा सही पर राह में बाले रखिये
करना मज़बूत हो ज़ेवर,तो खरे सोने को
झूठ बइमानी के खांचे में भी ढाले रखिये
छोडिये देखना ग़ैरों के ग़रेबाँ पे निशां
आप अपने बड़े किरदार संभाले रखिये
आज के दौर में रहने के लिये खुश यारों
बंद आँखें ओ ज़ुबां, पे ज़रा ताले रखिये
ज़ायका सफ्रे भी मंज़िल को चखाने के लिये
ज़ख्म ताज़ा ओ हरे पाँव के छाले रखिये
खत्म होता सुकुं जाती रुहानीयत घर की
दर-ओ-दीवार पे “मासूम” न जाले रखिये
मोनिका”मासूम”??