आपने आपसे टूटता रह गया
ग़ज़ल आपने आपसे टूटता रह गया ।
आपने आप से टूटता रह गया ।।
उम्रभर जिंदगी ढूढ़ता रह गया ।।
आदमी जो मिला दोस्ती मे मुझे ।
दर्द देकर मुझे लूटता रह गया ।।
बेवफ़ाई से बोझिल कटे रास्ते ।
मै रुका तो रुका रास्ता रह गया ।।
जीत मुझको मिली न रहे फांसले ।
जीतता जीतता हारता रह गया ।।
ज़िन्दगी मे सुनामी को मद्देनजर ।
देखकर मौत से वास्ता रह गया ।।
बढ़ गया दोस्तों का हर कारवाँ ।
मै वफ़ा बेवफ़ा देखता रह गया ।।
आज हरसूं नज़र आ रही बेबसी ।
वक़्त गुजरा मुझे रोकता रह गया ।।
@ राम केश मिश्र